🔥बॉस की डाँट सुन कर रोना आया? 😭 क्या आपको लगता है कि आपकी मेहनत बेकार जा रही है? 💔 अगर हाँ, तो यह कहानी आपके लिए है। क्योंकि जिस इंसान ने दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक, जनरल इलेक्ट्रिक (GE) को ज़मीन से आसमान तक पहुँचाया, उसकी कहानी सिर्फ़ मैनेजमेंट की नहीं, बल्कि हर आम आदमी की ज़िंदगी बदलने के फ़ॉर्मूले की कहानी है। यह कहानी है जैक वेल्च की। उनके फ़ैसले दुनिया को क्रूर लगे, पर उन्होंने लाखों लोगों की करियर ग्रोथ को नई दिशा दी। क्या आप अपनी नौकरी या बिज़नेस में वो सीक्रेट फ़ॉर्मूला जानना चाहेंगे जिससे साधारण लोग भी असाधारण लीडर बन जाते हैं?
चलिए, मैं आपको सुनील की कहानी बताता हूँ। सुनील एक मिडिल क्लास शहर का लड़का था, जो एक बड़ी IT कंपनी में काम करता था। वो मेहनती था, सुबह जल्दी आता, देर तक काम करता, पर उसके काम की तारीफ़ कभी नहीं होती थी। उसे हमेशा लगता था कि उसके बॉस और मैनेजमेंट सिर्फ़ उन्हें ही आगे बढ़ा रहे हैं जो चापलूसी करते हैं। सुनील हर साल अपनी सैलरी बढ़ने की उम्मीद करता, लेकिन हर परफॉर्मेंस रिव्यू के बाद वह निराश ही होता। उसे लगने लगा था कि वह "70 परसेंट" वाले ग्रुप में फँस गया है—यानी वो लोग जो ठीक-ठाक काम करते हैं, न बहुत अच्छा न बहुत बुरा। एक दिन, उसने यह नौकरी छोड़ने का मन बना लिया। ठीक उसी समय, उसकी नज़र एक किताब पर पड़ी— "जैक वेल्च एंड द जीई वे"।
सुनील ने सोचा, जाने से पहले एक बार दुनिया के सबसे बड़े सीईओ की कहानी पढ़ लूँ। इस किताब के पन्ने पलटते ही उसे महसूस हुआ कि उसकी करियर की सारी दिक्कतें सिर्फ़ उसकी कंपनी की नहीं, बल्कि मैनेजमेंट के कुछ मूलभूत सिद्धांतों की वजह से थीं, जिन्हें वह समझ नहीं पा रहा था। जैक वेल्च ने GE को सिर्फ़ एक बिज़नेस नहीं, बल्कि सोचने का एक तरीका बना दिया था।
वेल्च ने कहा था, "Reality को Face करो।" 😠 सुनील को यह बात चुभ गई। वह हमेशा ख़ुद को धोखा देता था कि उसका काम अच्छा है, जबकि सच्चाई यह थी कि वह बाक़ी 70% लोगों से अलग नहीं था। वेल्च का पहला और सबसे बड़ा सबक यही था कि सच्चाई को स्वीकारना ही पहला कदम है। अगर आपका बिज़नेस या आपकी टीम बाज़ार में नंबर 1 या नंबर 2 नहीं बन सकती, तो उसे बंद कर दो या बेच दो। यह सिद्धांत बड़ा निर्मम लगता है, लेकिन सोचिए, अगर आप किसी काम में अपना समय और ऊर्जा लगा रहे हैं, जिसका भविष्य ही नहीं है, तो आप अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर रहे हैं। जैक वेल्च के मैनेजमेंट के सीक्रेट्स में सबसे पहले आता है तेज़ी से फ़ैसला लेना। उन्होंने GE में अनगिनत बिज़नेसेज़ को बंद किया, लेकिन उनकी जगह सिक्स सिग्मा (Six Sigma) जैसी क्वालिटी और वर्क-आउट (Work-Out) जैसी तेज़ फ़ैसला लेने वाली प्रक्रियाएँ शुरू कीं।
सुनील ने जब इस तेज़ फ़ैसला लेने की बात को अपने काम में उतारा, तो उसने देखा कि वह छोटी-छोटी बातों पर कितना समय बर्बाद करता था। मीटिंग्स में घंटों बहस होती थी और फ़ैसले नहीं लिए जाते थे। वेल्च ने GE वे सफल होने के 3 राज में से एक बताया: कम्युनिकेशन को सिम्पल रखो। 🗣️ उनका मानना था कि अगर आप किसी आईडिया को एक पेज पर या एक सरल भाषा में नहीं समझा सकते, तो वह आईडिया किसी काम का नहीं। सुनील ने अगले दिन अपने प्रोजेक्ट का पूरा प्लान एक छोटे से ईमेल में अपने बॉस को भेजा, जिसमें सिर्फ़ तीन मुख्य बातें थीं—समस्या, समाधान और अपेक्षित परिणाम। बॉस को पहली बार उसका काम इतना क्लियर लगा कि मीटिंग आधे घंटे में ख़त्म हो गई! सुनील को समझ आ गया कि नौकरी में कैसे सफल हों इसका पहला जवाब है: Simplification (सरलीकरण)।
वेल्च का दूसरा सबसे बड़ा सिद्धांत था 4 Es of Leadership। यह वह मंत्र है जिसने GE को एक टैलेंट फ़ैक्टरी बना दिया था।
1. Energy (ऊर्जा): क्या आप ख़ुद में काम करने की ज़बरदस्त ऊर्जा रखते हैं?
2. Energize (ऊर्जा देना): क्या आप दूसरों को प्रेरित करके उनमें जोश भर सकते हैं?
3. Edge (निर्णायक क्षमता): क्या आप मुश्किल समय में भी तेज़ और कठोर फ़ैसले ले सकते हैं?
4. Execute (निष्पादन): क्या आप सिर्फ़ बातें नहीं करते, बल्कि अपने प्लान को ज़मीन पर उतारने की क्षमता रखते हैं?
सुनील ने ख़ुद को इन चार पैमानों पर मापा। वह मेहनती था, यानी उसके पास Energy थी, पर वह दूसरों को Energize नहीं कर पाता था, क्योंकि वह हमेशा ख़ुद ही उदास रहता था। वह लोगों से खुलकर बात करने से डरता था, इसलिए उसमें Edge की कमी थी, और प्लान बनाते ही रह जाता था, Execute नहीं कर पाता था।
जब उसने अपने अंदर इन जैक वेल्च 4 Es क्या हैं को मज़बूत करना शुरू किया, तो उसकी टीम का माहौल बदलने लगा। उसने अपनी टीम के छोटे-छोटे अचीवमेंट्स को सबके सामने तारीफ़ करना शुरू किया, जिससे उनमें जोश आया। उसने एक मुश्किल क्लाइंट के सामने बिना डरे अपनी बात रखी और एक निर्णायक फ़ैसला लिया। नतीजा? पहली बार उसे लगा कि वह सिर्फ़ एक मैनेजर नहीं, बल्कि लीडर बन रहा है।
और अब आते हैं उस सबसे विवादास्पद पर ज़रूरी हिस्से पर: 20/70/10 रूल। 🤨
वेल्च का मानना था कि हर कंपनी में तीन तरह के लोग होते हैं:
* Top 20%: ये स्टार परफ़ॉर्मर हैं, जो कंपनी को आगे बढ़ाते हैं। इन्हें पुरस्कृत करो, आगे बढ़ाओ और प्यार दो।
* Middle 70%: ये ठीक-ठाक काम करने वाले लोग हैं, जो कंपनी को चलाए रखते हैं। इन्हें ट्रेनिंग दो, मोटिवेट करो, पर अगर ये 20% में नहीं आ सकते, तो इन्हें भी आगे बढ़ने का रास्ता दिखाओ।
* Bottom 10%: ये लोग लो-परफ़ॉर्मर हैं, जो टीम के लिए बोझ हैं। इन्हें हटाओ।
जीई में 20/70/10 रूल क्या है? यह एक कठोर परफ़ॉर्मर इवैल्यूएशन सिस्टम था, जिसे कुछ लोग क्रूर कहते थे। सुनील को पहले यह रूल बहुत बुरा लगा। लेकिन फिर उसने सोचा: अगर एक टीम में 10% लोग ऐसे हैं जो काम नहीं कर रहे और सिर्फ़ सैलरी ले रहे हैं, तो इससे बाक़ी 90% लोगों का मनोबल कम होता है। टॉप 20% को लगता है कि मेहनत करने का कोई फ़ायदा नहीं, और 70% लोग सोचते हैं कि जब बिना काम किए भी सैलरी मिल रही है, तो क्यों ज़्यादा मेहनत करनी? वेल्च का उद्देश्य लोगों को डराना नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस कल्चर बनाना था, जहाँ करियर ग्रोथ टिप्स जैक वेल्च की सबसे बड़ी टिप थी: हर किसी को यह पता होना चाहिए कि वह कहाँ खड़ा है। कोई छुपा हुआ एजेंडा नहीं होना चाहिए।
सुनील ने इस बात से एक बड़ा सबक सीखा। उसने यह फ़ैसला किया कि वह अब मिडिल 70% में नहीं रहेगा। उसने अपनी स्किल्स पर काम करना शुरू किया, सिक्स सिग्मा की ट्रेनिंग ली, और Top 20% में आने के लिए ख़ुद को झोंक दिया।
जब वेल्च ने वर्क-आउट की शुरुआत की, तो इसका मतलब था कि किसी भी कर्मचारी को, चाहे वह सबसे नीचे के पद पर हो, यह हक़ था कि वह सीधे सीईओ से सवाल पूछ सके। मैनेजमेंट के सीक्रेट्स Jack Welch में सबसे बड़ा सीक्रेट था आइडियाज़ की ताक़त। उनका मानना था कि सबसे अच्छा आईडिया किसी भी कोने से आ सकता है। वह दीवारों को तोड़ना चाहते थे—मैनेजर और कर्मचारी के बीच की दीवार, डिपार्टमेंट और डिपार्टमेंट के बीच की दीवार।
सुनील ने भी अपने मन से यह डर निकाल दिया कि "मैं तो छोटा कर्मचारी हूँ, मेरा आईडिया कौन सुनेगा।" उसने अपने प्रोजेक्ट को बेहतर बनाने के लिए एक नया तरीका सुझाया, जो सीधा कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट तक पहुँचा। उसका आईडिया भले ही 100% स्वीकार नहीं हुआ, पर उसे पहली बार पहचान मिली। यह पहचान ही वह ईंधन थी जिसकी उसे ज़रूरत थी।
इस किताब ने सुनील को यह नहीं सिखाया कि मैनेजर कैसे बनें, बल्कि यह सिखाया कि लीडर कैसे बनें। लीडर वह होता है जो विजन बनाता है, एनर्जी देता है, और लोगों को बड़ा सोचने के लिए प्रेरित करता है। Jack Welch Book Summary in Hindi सिर्फ़ एक बिज़नेस समरी नहीं है, यह आपकी ज़िंदगी का ब्लूप्रिंट है।
अगर आप एक एग्जीक्यूशन मशीन बनना चाहते हैं, जो सिर्फ़ प्लान नहीं बनाता, बल्कि उन्हें पूरा करता है, तो जैक वेल्च आपके गुरु हैं।
🔥 बॉस की डाँट सिर्फ़ एक संकेत है कि आपको Reality (सच्चाई) को स्वीकार करना होगा। अपनी एनर्जी को दोगुना करें, अपनी टीम को एनर्जाइज़ करें, मुश्किल फ़ैसले लेने का Edge रखें, और सबसे ज़रूरी—Execute करें। अगर आप Bottom 10% में हैं, तो आज ही Top 20% में आने का फ़ैसला लें। क्या आप सिर्फ़ एक कर्मचारी बने रहना चाहते हैं, या अपनी ज़िंदगी के जनरल इलेक्ट्रिक के सीईओ? फ़ैसला आपका है! आज ही अपनी सोच बदलें और इस आर्टिकल को उस दोस्त के साथ शेयर करें जो 70% वाले ट्रैप में फँसा हुआ है! 👇
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