Rich Dad Poor Dad - Book Review in Hindi

Rich Dad Poor Dad - Book Review in Hindi

आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी किताब के बारे में जो पैसे की दुनिया में तहलका मचा चुकी है। हां भाई, मैं बात कर रहा हूं रॉबर्ट कियोसाकी की फेमस किताब "रिच डैड पुअर डैड" की। ये वो किताब है जिसने लाखों लोगों की सोच को पैसे के बारे में बदल दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किताब में ऐसा क्या खास है? नहीं पता? कोई टेंशन नहीं! मैं आज आपको बताने वाला हूं कि इस किताब में क्या मस्त फाइनेंशियल ज्ञान छुपा है। तो चलो, शुरू करते हैं इस बेस्टसेलर बुक का रिव्यू, जो आपकी जेब को मोटा करने में मदद कर सकती है!


प्रमुख अध्यायों का सारांश (Summary of Key Chapters):

चैप्टर 1: रिच डैड, पुअर डैड
किताब की शुरुआत में कियोसाकी बताते हैं कि उनके दो डैड थे - एक उनके असली पापा (पुअर डैड) और दूसरे उनके दोस्त के पापा (रिच डैड)। कियोसाकी कहते हैं, "मेरे पुअर डैड हमेशा कहते थे, 'पैसा पेड़ पर नहीं उगता', जबकि मेरे रिच डैड कहते थे, 'पैसा बनाना सीखो'। दोनों की सोच में जमीन-आसमान का फर्क था।"

चैप्टर 2: पहला लेसन - अमीर पैसे के लिए काम नहीं करते
इस चैप्टर में कियोसाकी बताते हैं कि अमीर लोग पैसे को अपने लिए काम करवाते हैं। रिच डैड समझाते हैं, "देखो बेटा, गरीब और मिडिल क्लास लोग पैसे के लिए काम करते हैं, लेकिन अमीर लोग पैसे को अपने लिए काम करवाते हैं। तुम्हें भी यही करना सीखना होगा।"

चैप्टर 3: दूसरा लेसन - फाइनेंशियल लिटरेसी क्यों जरूरी है
इस चैप्टर में कियोसाकी फाइनेंशियल एजुकेशन की अहमियत बताते हैं। कियोसाकी कहते हैं, "स्कूल में हमें पैसों के बारे में कुछ नहीं सिखाया जाता। इसलिए ज्यादातर लोग पैसों के मामले में अनपढ़ रह जाते हैं। फाइनेंशियल लिटरेसी सीखना बहुत जरूरी है।"

चैप्टर 4: तीसरा लेसन - अपना बिजनेस शुरू करो
इस चैप्टर में कियोसाकी बताते हैं कि अपना खुद का बिजनेस शुरू करना क्यों जरूरी है। रिच डैड कहते हैं, "नौकरी करने से तुम कभी अमीर नहीं बनोगे। अगर तुम्हें अमीर बनना है तो अपना बिजनेस शुरू करो। याद रखो, मैकडॉनल्ड्स का मालिक रियल एस्टेट का बिजनेस करता है, बर्गर का नहीं।"

चैप्टर 5: चौथा लेसन - टैक्स की हिस्ट्री और कॉरपोरेशन की पावर
इस चैप्टर में कियोसाकी बताते हैं कि कैसे अमीर लोग टैक्स सिस्टम का फायदा उठाते हैं। कियोसाकी समझाते हैं, "अमीर लोग कॉरपोरेशन बनाकर अपने टैक्स को कम करते हैं। वे जानते हैं कि कानूनी तरीके से टैक्स बचाना गलत नहीं है।"

चैप्टर 6: पांचवां लेसन - रिच लोग पैसा बनाते हैं
इस चैप्टर में कियोसाकी बताते हैं कि अमीर लोग पैसे को कैसे देखते हैं। रिच डैड कहते हैं, "पैसा सिर्फ एक आइडिया है। अगर तुम सोचते हो कि पैसा बनाना मुश्किल है, तो तुम्हारे लिए ये मुश्किल ही रहेगा। लेकिन अगर तुम सोचते हो कि ये आसान है, तो ये आसान हो जाएगा।"

चैप्टर 7: छठा लेसन - काम करके सीखो, सुरक्षा के लिए मत काम करो
इस चैप्टर में कियोसाकी बताते हैं कि नौकरी की सुरक्षा एक मिथ है। कियोसाकी कहते हैं, "लोग सोचते हैं कि नौकरी सुरक्षित होती है। लेकिन आज के जमाने में कोई नौकरी सुरक्षित नहीं है। इसलिए अलग-अलग स्किल्स सीखो और अपने आप पर निर्भर रहो।"

चैप्टर 8: शुरुआत करना
इस चैप्टर में कियोसाकी बताते हैं कि फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की तरफ पहला कदम कैसे उठाएं। कियोसाकी सुझाव देते हैं, "सबसे पहले अपने दिमाग को ट्रेन करो। फिर अपने पैसों को मैनेज करना सीखो। और फिर रिस्क लेना सीखो।"

चैप्टर 9: अभी भी और चाहिए? यहां कुछ टू डू हैं
इस आखिरी चैप्टर में कियोसाकी कुछ प्रैक्टिकल टिप्स देते हैं। कियोसाकी कहते हैं, "एक्शन लो। सिर्फ पढ़ने से कुछ नहीं होगा। जो सीखा है उसे लागू करो। याद रखो, फाइनेंशियल आईक्यू बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है रियल लाइफ एक्सपीरियंस।"

इस तरह, "रिच डैड पुअर डैड" हमें सिखाती है कि कैसे पैसों के बारे में सोचना चाहिए, कैसे उन्हें मैनेज करना चाहिए, और कैसे उनका इस्तेमाल करके अमीर बनना चाहिए। ये सब बातें आज भी उतनी ही सच हैं जितनी किताब लिखे जाने के वक्त थीं।


विश्लेषण (Analysis):

ये किताब फाइनेंशियल लिटरेसी की दुनिया में एक गेम चेंजर साबित हुई है। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये कॉम्प्लेक्स फाइनेंशियल कॉन्सेप्ट्स को आम आदमी की भाषा में समझाती है। 

किताब के मुख्य मैसेज - एसेट्स बनाना, पैसे को अपने लिए काम करवाना, और फाइनेंशियल एजुकेशन की अहमियत - आज भी उतने ही रेलेवेंट हैं जितने पहले थे। लेकिन ध्यान रहे, ये किताब बेसिक फाइनेंशियल प्रिंसिपल्स पर फोकस करती है, डिटेल्ड इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजीज पर नहीं।

कुछ लोग इस बात पर सवाल उठा सकते हैं कि क्या किताब में दी गई सलाह हर किसी के लिए काम करेगी। हर किसी की सिचुएशन अलग होती है, इसलिए सभी टिप्स हर किसी पर लागू नहीं हो सकते। फिर भी, ये किताब पैसों के बारे में सोचने का एक नया नजरिया देती है, जो हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।


निष्कर्ष (Conclusion):

तो दोस्तों, अंत में यही कहूंगा कि "रिच डैड पुअर डैड" एक ऐसी किताब है जो आपकी फाइनेंशियल लाइफ को बदल सकती है। इसमें बताए गए टिप्स को अपनी लाइफ में अप्लाई करके आप अपनी फाइनेंशियल सिचुएशन को बेहतर बना सकते हैं। याद रखिए, अमीर बनने का कोई शॉर्टकट नहीं होता। स्मार्ट तरीके से पैसों को मैनेज कीजिए, रिस्क लेने से डरिए मत, और देखिए कैसे आपकी फाइनेंशियल लाइफ बदल जाती है। चलो, अब जाओ और अपनी फाइनेंशियल जर्नी शुरू करो!




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