How to Win Friends and Influence People (Hindi)


😢 क्या आपको भी लगता है कि लोग आपकी बात नहीं सुनते? 💬 आप किसी से भी बात करते हैं, पर वो कनेक्शन नहीं बन पाता? 💔 क्या आप जानते हैं कि आपकी सबसे बड़ी 'ताकत' आपके शब्दों में नहीं, बल्कि 'खामोशी' में छिपी है?

देखिए, बात सिर्फ दोस्ती बनाने की नहीं है, बात है इस दुनिया में असरदार बनने की। मेरे एक दोस्त थे, अमन। बिल्कुल आप और मेरी तरह। कॉलेज से निकले, एक बड़ी IT कंपनी में गए। दिमाग बहुत तेज़ था, कोडिंग में मास्टर थे, पर लोगों के साथ डील करने में एकदम ज़ीरो। वो अक्सर मुझसे कहते थे, "यार, मैं सही होता हूँ, पर कोई मेरी बात मानता ही नहीं। मेरी टीम हमेशा मेरे खिलाफ रहती है।" उसका प्रमोशन रुक गया था, क्योंकि उसके बॉस ने साफ़ कह दिया था कि उसमें 'People Skills' की कमी है। अमन को लगता था कि दुनिया खराब है, लोग जलन रखते हैं, पर असलियत में, वह खुद ही एक दीवार बनाकर खड़ा था।

एक दिन अमन इतना frustrated हो गया कि उसने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया। मैंने उससे पूछा, "यार, तुम अपनी कोडिंग स्किल्स को कैसे सुधारते हो?" उसने कहा, "मैं दुनिया के बेस्ट कोडर्स की किताबें पढ़ता हूँ और रोज़ प्रैक्टिस करता हूँ।" मैंने कहा, "बस! तो क्या तुम्हें नहीं लगता कि लोगों से डील करने की स्किल्स भी सीखनी पड़ती हैं? इसके लिए भी दुनिया की सबसे अच्छी किताबें पढ़नी पड़ती हैं?" उस दिन मैंने उसे Dale Carnegie की किताब, 'How to Win Friends and Influence People' थमा दी, जिसे हिंदी में 'लोक व्यवहार' के नाम से जाना जाता है। उस किताब ने अमन की ज़िंदगी कैसे बदल दी, ये कहानी मैं आपको इसलिए सुना रहा हूँ क्योंकि यही कहानी आपकी भी हो सकती है।

ये किताब कोई जादू नहीं सिखाती, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में छुपी हुई मानव मनोविज्ञान (Human Psychology) की चाबियाँ देती है। इसका पहला और सबसे ज़रूरी सबक, जो अमन के लिए सबसे बड़ा शॉक था, वो था: किसी की आलोचना, निंदा या शिकायत कभी न करें (Don't criticize, condemn, or complain)। सोचिए, अगर आपका बॉस आपकी गलती पर सबके सामने आपको डाँट दे, तो आप क्या महसूस करेंगे? गुस्सा, शर्मिंदगी, और उस बॉस के लिए मन में एक नफरत। अमन को हमेशा लगता था कि सच बोलना ज़रूरी है, लोगों की गलतियाँ बताना ज़रूरी है, पर यह किताब कहती है कि आलोचना से सामने वाला व्यक्ति केवल defensive होता है, वह अपनी गलती कभी नहीं मानता। वह अपनी इज़्ज़त बचाने में लग जाता है, और नतीजा? न आपका काम होता है, न रिश्ते सुधरते हैं। अगर कोई काम सही नहीं हो रहा, तो उसकी आलोचना करने के बजाय, उस व्यक्ति की प्रेरणा (motivation) को समझिए।

अगला पॉइंट और भी डीप है: ईमानदारी और सच्चाई से लोगों की सराहना करें (Give honest and sincere appreciation)। हम सब एक चीज़ के भूखे हैं—महसूस कराना कि हम ज़रूरी हैं (the desire to feel important)। विलियम जेम्स, जो एक मशहूर दार्शनिक थे, उन्होंने कहा था, "मानव स्वभाव का सबसे गहरा सिद्धांत है सराहना की चाहत (the craving to be appreciated)।" अमन पहले कभी किसी की तारीफ नहीं करता था। उसे लगता था कि काम तो काम है, इसमें तारीफ कैसी। जब उसने अपनी टीम के एक लड़के की सिर्फ इसलिए तारीफ की क्योंकि उसने एक deadline से पहले काम खत्म कर दिया था, तो उस लड़के की आँखों में एक चमक आ गई। अगली बार उसने दोगुनी मेहनत से काम किया। यह जादू है! ध्यान रहे, चापलूसी (Flattery) नहीं करनी है, वह नकली होती है और लोग उसे पहचान जाते हैं। आपकी सराहना सच्ची होनी चाहिए। अगर आप genuinely किसी के एफर्ट (effort) को recognize करेंगे, तो वह व्यक्ति आपके लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाएगा।

यह किताब हमें छह ऐसे अद्भुत तरीके सिखाती है जिनसे लोग आपको तुरंत पसंद करने लगेंगे (Six Ways to Make People Like You)। पहला, और सबसे ताकतवर—दूसरों में सच्ची दिलचस्पी लें (Become genuinely interested in other people)। हम सब अपनी-अपनी दुनिया में खोए रहते हैं। हमें लगता है कि लोग हमारे बारे में बात करें, हमारी तारीफ करें। पर यह किताब कहती है कि अगर आप चाहते हैं कि लोग आपमें दिलचस्पी लें, तो पहले आप उनमें दिलचस्पी लीजिए! अमन ने अपने एक जूनियर से सिर्फ उसके वीकेंड प्लान के बारे में पूछा और थोड़ी देर उसकी हॉबीज़ पर बात की। उस जूनियर को लगा कि अमन सिर्फ बॉस नहीं, बल्कि एक दोस्त भी है, और उनका connection रातों-रात गहरा हो गया।

दूसरा, मुस्कुराइए! (Smile)। यह सबसे आसान है। एक मुस्कान आपकी पर्सनालिटी को मिनटों में बदल देती है। यह सामने वाले को subconsciously एक मैसेज देती है कि 'मैं तुमसे मिलकर खुश हूँ।' तीसरा और बहुत ही ख़ास: याद रखें कि किसी व्यक्ति का नाम उसके लिए दुनिया की सबसे मधुर और महत्वपूर्ण ध्वनि है (Remember that a person’s name is to that person the sweetest and most important sound in any language)। सोचिए, जब कोई व्यक्ति आपका नाम लेता है, तो आपको कितना अच्छा लगता है। अमन ने अपनी टीम के हर सदस्य का नाम याद करना शुरू कर दिया, और उन्हें हर बातचीत में उनके नाम से पुकारता था। इससे उन्हें लगा कि वे सिर्फ एक कर्मचारी नहीं, बल्कि एक खास व्यक्ति हैं। यह प्रिंसिपल बिज़नेस और पर्सनल लाइफ दोनों में गेम चेंजर है।

चौथा, एक अच्छे श्रोता बनें और दूसरों को खुद के बारे में बोलने के लिए प्रोत्साहित करें (Be a good listener. Encourage others to talk about themselves)। हममें से ज़्यादातर लोग दूसरों की बात सिर्फ इसलिए सुनते हैं ताकि वो बोल सकें। हम जवाब देने के लिए सुनते हैं, समझने के लिए नहीं। अमन ने जब यह कला सीखी, तो उसका फायदा यह हुआ कि लोगों ने उसे सबसे अच्छा बात करने वाला व्यक्ति समझना शुरू कर दिया—जबकि वह ज़्यादा बोल ही नहीं रहा था! लोगों को अपने बारे में बात करना बहुत पसंद है। बस आप थोड़ी सी सच्ची उत्सुकता (genuine curiosity) दिखाइए और देखिए कि लोग कैसे खुल जाते हैं।

पाँचवाँ, दूसरे व्यक्ति की दिलचस्पी की चीज़ों के बारे में बात करें (Talk in terms of the other person’s interests)। मछली पकड़ने जाते समय आप कांटे पर चॉकलेट नहीं लगाते, क्योंकि मछली को चॉकलेट नहीं कीड़े पसंद हैं। इसी तरह, जब आप किसी से बात करें, तो अपने बारे में नहीं, बल्कि उन चीज़ों के बारे में बात करें जिनमें उन्हें मज़ा आता है। अमन ने अपने एक क्लाइंट से उसकी कार कलेक्शन के बारे में बात की, और बिज़नेस की बात बाद में की। उनका रिश्ता मजबूत हुआ और डील आसानी से पक्की हो गई।

छठा और सबसे महत्वपूर्ण, दूसरे व्यक्ति को महत्वपूर्ण महसूस कराएँ—और यह ईमानदारी से करें (Make the other person feel important—and do it sincerely)। हम सब अपनी ज़िंदगी के हीरो हैं। हम सब चाहते हैं कि हमें पहचान मिले। जब आप किसी को यह एहसास कराते हैं कि उसका काम, उसका विचार या उसका होना आपके लिए मायने रखता है, तो आप उसके दिल में एक खास जगह बना लेते हैं।

अब बात करते हैं सबसे मुश्किल हिस्से की: लोगों को अपनी सोच से कैसे सहमत कराएँ (How to Win People to Your Way of Thinking)। अमन को हमेशा लगता था कि बहस करके वो अपनी बात मनवा लेगा। पर Dale Carnegie कहते हैं कि किसी भी बहस में जीतने का एकमात्र तरीका है उसे टाल देना (The only way to get the best of an argument is to avoid it)। बहस में, अगर आप जीत भी गए, तो आपने सामने वाले के आत्म-सम्मान को ठेस पहुँचाई, और उसने मन में आपके लिए नफरत पाल ली। तो क्या फायदा हुआ? हारने वाला व्यक्ति अपनी राय कभी नहीं बदलता।

तो क्या करें? अगर आप गलत हैं, तो तुरंत और ज़ोरदार तरीके से अपनी गलती मान लें (If you are wrong, admit it quickly and emphatically)। यह आपको बड़ा बनाता है, कमज़ोर नहीं। जब अमन ने अपने बॉस के सामने एक छोटी-सी गलती को तुरंत मान लिया, तो बॉस ने न सिर्फ उसे माफ किया, बल्कि उसकी ईमानदारी की तारीफ भी की।

एक और पावरफुल तकनीक: बातचीत दोस्ताना तरीके से शुरू करें (Begin in a friendly way)। गुस्सा, तल्खी या शिकायत से कोई भी बातचीत शुरू मत कीजिए। अगर आपको किसी को कुछ समझाना है, तो पहले उसकी तारीफ कीजिए (Begin with praise and honest appreciation), फिर अपनी बात शुरू कीजिए।

और हाँ, दूसरे व्यक्ति को अपनी बात ज़्यादा कहने दें (Let the other person do a great deal of the talking)। याद है न, लोग खुद के बारे में बात करना पसंद करते हैं। आप शांत रहिए, सवाल पूछिए, और उन्हें अपनी पूरी बात कहने का मौका दीजिए। इससे उन्हें लगता है कि उनके विचारों की इज्जत हो रही है, और जब वे शांत हो जाएँगे, तब वे आपकी बात भी ध्यान से सुनेंगे।

अमन ने ये सबक धीरे-धीरे अपनी ज़िंदगी में उतारना शुरू किया। उसने आलोचना करना छोड़ दिया, हर किसी को उसके नाम से पुकारना शुरू किया, और सबसे ज़रूरी, उसने लोगों को सुनना शुरू कर दिया। 6 महीने के अंदर, उसका प्रमोशन हो गया, उसकी टीम उसे पसंद करने लगी, और उसकी पर्सनल लाइफ में भी अद्भुत बदलाव आए। वह अब भी कोडिंग का मास्टर है, पर अब वह लोगों के दिल का भी मास्टर है। उसकी सफलता में 15% उसकी टेक्निकल स्किल्स का हाथ था, पर 85% उसकी पीपल स्किल्स का।

यह किताब कोई किताबी ज्ञान नहीं है, यह जीवन जीने का व्यवहारिक विज्ञान है। यह आपको सिखाती है कि आप दूसरे व्यक्ति की नज़र से दुनिया को कैसे देखें (Try honestly to see things from the other person's point of view)। यह empathetic होने का सबसे बड़ा सबक है।

तो अब सवाल यह है: आप कब तक दुनिया को बदलने की शिकायत करते रहेंगे? दुनिया नहीं बदलेगी, आपको खुद को बदलना होगा। यह किताब एक मिरर है, जो आपको दिखाता है कि आप अनजाने में कौन सी गलतियाँ कर रहे हैं। अमन बनिए, और अपने रिश्तों और करियर की चाबी खुद अपने हाथ में लीजिए।

🔑 क्या आप आज से अपनी बातचीत में सिर्फ एक बदलाव लाने का वादा करते हैं? नीचे Comment करके बताइए कि Dale Carnegie का कौन सा प्रिंसिपल आपकी ज़िंदगी बदलने वाला है—'आलोचना बंद' 🤐 या 'सच्ची सराहना शुरू' ✨? इस ज्ञान को अपने उन दोस्तों तक पहुँचाइए जिन्हें लगता है कि उनकी कोई नहीं सुनता!

 
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