अरे! तुम भी सोचते हो न, कि अगले 5 साल में क्या होगा? 🤯 क्या तुम्हारी कंपनी आज जो कर रही है, वो कल भी काम आएगी? या फिर तुम भी उस चूहे-दौड़ (rat race) में फंसे हो, जहाँ हर कोई बस आज को संभालने में लगा है, लेकिन कल की तैयारी कोई नहीं कर रहा? 🧐
रॉबर्ट बी. टकर की किताब “Managing the Future” कोई मोटी थ्योरी की किताब नहीं है; ये तो एक अलार्म क्लॉक है, जो बताती है कि "जागो! तुम्हारा भविष्य यहीं से शुरू होता है।"
आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ, मेरे एक दोस्त की। नाम है अमित। 🫂 अमित और मैंने एक साथ कॉलेज ख़त्म किया था। उसने एक कपड़े की दुकान खोली, जो एकदम बढ़िया चल रही थी। सब कुछ सेट था – अच्छा माल, रेगुलर ग्राहक, बढ़िया कमाई। अमित खुश था, उसने कहा, "यार, अब सेट हो गया मामला। लॉन्ग टर्म सक्सेस मिल गई।"
लेकिन, अगले ही साल, एक बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने उसके शहर में अपनी सर्विस शुरू कर दी। 😱 लोग अब घर बैठे, उंगली के एक इशारे पर कपड़े मंगाने लगे। अमित की दुकान की सेल धड़ाम से नीचे गिर गई। वो एकदम हैरान था, परेशान था। उसने सिर्फ आज पर फोकस किया था—आज का स्टॉक, आज की सेल, आज के ग्राहक। उसने ये नहीं सोचा था कि कल उसकी इंडस्ट्री पूरी तरह बदल सकती है।
उसने मुझसे पूछा, "यार, गलती कहाँ हुई?" मैंने कहा, "अमित, तुमने फ्यूचर को मैनेज नहीं किया। तुमने माना कि जो आज काम कर रहा है, वो हमेशा काम करता रहेगा।" 💡 और यही वो सबसे बड़ी ग़लती है जो टकर हमें समझाते हैं। वो कहते हैं कि सबसे ग्रेट कंपनियाँ वो नहीं हैं जो सिर्फ आज के प्रॉफिट पर जीती हैं, बल्कि वो हैं जो इनोवेशन को अपनी रगों में दौड़ाती हैं।
टकर कहते हैं, किसी भी बिज़नेस को फ्यूचर-प्रूफ़ बनाने के लिए तीन गोल्डन स्ट्रैटेजीज़ चाहिए, जो अमित ने कभी नहीं अपनाई।
पहला मंत्र: हर काम में 'क्यों नहीं?' पूछो। 🤔
टकर इसे "Anticipatory Innovation" कहते हैं। इसका मतलब है, बस प्रॉब्लम सॉल्व मत करो, बल्कि उन प्रॉब्लम्स को ढूंढो जो अभी पैदा भी नहीं हुई हैं! अमित की गलती यह थी कि जब उसकी दुकान अच्छी चल रही थी, तब भी वह ये नहीं पूछ रहा था कि "लोग मेरी दुकान क्यों छोड़ सकते हैं?" या "क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे मैं कपड़े बेचने का तरीका ही बदल दूं?"
एक बड़ी कंपनी, जिसे हम सब जानते हैं, उसने यही किया। जब लोग सिर्फ गानों की सीडी खरीद रहे थे, तो उन्होंने सोचा, "क्यों नहीं, हम एक ऐसा डिवाइस बनाएँ जिसमें हज़ारों गाने स्टोर हो सकें?" और उन्होंने आईपॉड बना दिया। 🎶 उन्होंने ये सवाल पूछा: "आगे बढ़ने के लिए 3 गोल्डन रूल्स क्या हो सकते हैं?" और फिर उन्हें दुनिया को बदलने का आईडिया मिला।
तुम भी देखो—अगर तुम कोई सर्विस देते हो, तो खुद से पूछो, "1 साल बाद लोग इस सर्विस को किस नए तरीके से चाहेंगे?" अगर तुम स्टूडेंट हो, तो पूछो, "5 साल बाद मेरी फील्ड में कौन सी स्किल्स सबसे ज़रूरी होंगी, जो अभी मेरे पास नहीं हैं?" यही है वो भविष्य की प्लानिंग जो तुम्हें भीड़ से अलग करती है।
दूसरा मंत्र: अपने ग्राहकों से नहीं, उनके 'सपनों' से बात करो। 🗣️
अमित के ग्राहक उसकी दुकान पर आकर कपड़ा खरीदते थे। वह उनसे पूछता था, "क्या चाहिए?" और वे बताते थे, "ये वाला शर्ट दिखाओ।" टकर कहते हैं, ये है Customer Feedback, जो सिर्फ आज की ज़रूरत बताता है।
जो कंपनियां फ्यूचर मैनेजमेंट करती हैं, वो Customer Foresight इस्तेमाल करती हैं। वो ग्राहकों से उनके अनकहे सपने पूछती हैं। जैसे, एक गाड़ी बनाने वाली कंपनी ने ग्राहकों से ये नहीं पूछा कि "आपकी कार में क्या कमी है?" बल्कि ये पूछा, "अगर आप बिना रुके, बिना ईंधन की चिंता किए कहीं भी जा सकें, तो आप कहाँ जाएँगे?" 🛣️ इस सवाल से उन्हें इलेक्ट्रिक और सेल्फ-ड्राइविंग कारों का आईडिया मिला।
यह बात सिर्फ बिज़नेस पर नहीं, तुम्हारी पर्सनल स्ट्रेटेजी पर भी लागू होती है। तुम अपने दोस्तों, अपने बॉस, अपने परिवार से सिर्फ ये मत पूछो कि "मैं कैसा काम कर रहा हूँ?" बल्कि ये पूछो, "आपको मुझमें क्या दिखता है जो लॉन्ग टर्म सक्सेस दिला सकता है?" जब तुम दूसरों के फ्यूचर विजन से जुड़ते हो, तो अपना रास्ता खुद-ब-खुद साफ़ हो जाता है।
तीसरा मंत्र: अपनी टीम में 'नाराज़' लोगों को सुनो। 😠
ये टकर की किताब का मेरा सबसे पसंदीदा हिस्सा है। हर कंपनी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा शिकायत करते हैं—"ये प्रोसेस ग़लत है," "ये नियम काम नहीं करता।" ज़्यादातर मैनेजर उन्हें इग्नोर कर देते हैं।
लेकिन टकर कहते हैं, ये नाराज़गी ही असल में इनोवेशन का बीज है। ये वो लोग हैं जो सिस्टम की कमियाँ देख पाते हैं। जो बिज़नेस फ्यूचर प्रूफ कैसे करें का जवाब जानते हैं, भले ही उन्हें पता न हो। 🧐 अमित के यहाँ एक सेल्समैन था, जो हमेशा कहता था, "सर, आप ऑनलाइन डिलीवरी शुरू क्यों नहीं करते?" अमित उसे चुप करा देता था, "यार, चुप बैठो, हम छोटे लोग हैं।"
और यही फ्यूचर मैनेजिंग का सबसे बड़ा सबक है—चुनौतियों को छुपाओ मत, उन्हें ढूंढो। अपने संगठन में, अपने जीवन में, उस जगह को ढूंढो जहाँ सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वो जगह तुम्हारी अगली बड़ी छलांग होगी।
टकर ये भी बताते हैं कि फ्यूचर कोई जादुई चीज़ नहीं है जो अचानक आ जाएगी। यह तो रोज़-रोज़ की गई छोटी-छोटी चीज़ों का नतीजा है। अगर तुम आज अपने भविष्य की प्लानिंग के लिए 10 मिनट देते हो, तो तुम कल दूसरों से 10 घंटे आगे होगे। 🚀
अमित ने जब मेरी बात सुनी, तो उसने तुरंत अपनी दुकान का मॉडल बदल दिया। उसने ऑनलाइन प्रेज़ेंस बनाई, उसने ग्राहकों के सपनों को समझा और उसने अपनी टीम के हर सदस्य के आईडिया को सुनना शुरू कर दिया। आज उसकी दुकान एक छोटी-सी फ्रेंचाइजी बन गई है और वह अब ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ कॉम्पिटिशन नहीं, बल्कि पार्टनरशिप कर रहा है।
देखो, कल अनिश्चित (uncertain) है, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन रॉबर्ट बी. टकर हमें सिखाते हैं कि हम उस अनिश्चितता को मैनेज कर सकते हैं।
तो, अब तुम बताओ। क्या तुम सिर्फ आज के कपड़े बेचोगे? या क्या तुम कल का नया फैशन डिज़ाइन करोगे?
यही वो सवाल है जो लॉन्ग टर्म सक्सेस के लिए स्ट्रेटेजी का पहला पन्ना खोलता है। अपनी आँखें खोलो, अपना कान खुला रखो और सबसे ज़रूरी बात—कल के लिए तैयारी आज से शुरू करो। रॉबर्ट बी. टकर बुक समरी हिंदी का निचोड़ यही है। 🎯
आगे बढ़ने के लिए 3 गोल्डन रूल्स याद रखना और उन्हें आज ही अपनी ज़िंदगी में लागू करना। देर मत करो! ⏳
क्या तुम तैयार हो अपनी ज़िंदगी को फ्यूचर-प्रूफ़ बनाने के लिए? नीचे कमेंट में हाँ (Yes) लिखो! 👇
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