Strategy Pure and Simple II (Hindi)


क्या आप जानते हैं कि क्यों 95% लोग रोज़ सुबह उठकर वही काम करते हैं जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं? 🤔 क्यूंकि वो दौड़ में हैं। वो बस तेज़ भागना चाहते हैं, पर कभी सोचते ही नहीं कि वो ग़लत ट्रैक पर भाग रहे हैं। 😔

यही वो सबसे बड़ी ग़लती है जो हम अपने करियर, अपने बिज़नेस, यहाँ तक कि अपनी ज़िन्दगी में करते हैं। हम सब अपने कॉम्पिटिटर को बस हराना चाहते हैं, उनसे बेहतर बनना चाहते हैं, लेकिन कोई भी उस खेल को ही बदलने की नहीं सोचता जिसमें वो खेल रहे हैं।

बात 2018 की है। मेरे एक दोस्त का छोटा सा स्टार्टअप था—डिजिटल मार्केटिंग का। नाम था 'सार्थक सॉल्यूशन्स'। सार्थक, मेरा दोस्त, बहुत मेहनती था। सुबह 7 बजे ऑफिस पहुँच जाता और रात 11 बजे तक काम करता। उसकी टीम भी जी-जान लगा देती थी। पर बिज़नेस बस रेंग रहा था। हर महीने वही हाल: क्लाइंट्स आते, थोड़ी देर रुकते, और फिर कॉम्पिटिटर के पास चले जाते।

एक दिन हम दोनों रात को कॉफ़ी शॉप पर बैठे थे। सार्थक बहुत निराश था। उसने बोला, "यार, मैं सब कुछ ट्राई कर चुका हूँ। मैं उनसे तेज़ चलता हूँ, उनसे सस्ते में देता हूँ, उनसे ज़्यादा सर्विस देता हूँ, पर ये रेगिस्तानी दौड़ ख़त्म ही नहीं होती। मैं जब भी एक कदम आगे बढ़ता हूँ, मेरा कॉम्पिटिटर दो कदम आगे निकल जाता है।" 🤦‍♂️

मैंने उससे पूछा, "सार्थक, क्या तुम कभी जीतने की सोचते हो, या बस हराने की सोचते हो?"

वह कन्फ्यूज हो गया। मैंने उसे माइकल रॉबर्ट की किताब Strategy Pure and Simple II का एक फ़ंडा समझाया। यह किताब बताती है कि ज़्यादातर कंपनियां Operationally Focused होती हैं, जिसका मतलब है कि वे सिर्फ अपने काम को बेहतर बनाने में लगी रहती हैं। जैसे: सस्ते में बनाना, तेज़ डिलीवर करना, ज़्यादा फीचर्स देना। यह सब दौड़ है—एक खत्म न होने वाली चूहों की दौड़।

सोचो, अगर आपकी कार माइलेज 10 किमी/लीटर देती है, और आप उसे 12 किमी/लीटर कर देते हैं। आपका कॉम्पिटिटर उसे 14 किमी/लीटर कर देगा। फिर आप 16 पर जाएंगे... यह लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी और आप दोनों ही थककर चूर हो जाएंगे। 😩

माइकल रॉबर्ट कहते हैं कि अगर आपको सच में जीतना है, तो आपको Strategically Think करना होगा। आपको अपनी कंपनी के लिए या अपने करियर के लिए एक ऐसी Distinctive Strategy बनानी होगी जो आपको कॉम्पिटिशन से अलग ही कर दे, जहाँ आपका कॉम्पिटिटर आपको कॉपी भी न कर पाए। आपको यह सवाल पूछना होगा: हम कौन सा गेम खेल रहे हैं? और क्या हम इस गेम के रूल्स बदल सकते हैं?

सार्थक को यह बात बहुत गहरी लगी। हमने अगले कुछ हफ़्तों तक उस किताब के फ़ंडों पर काम किया। पहला कदम था: Strategic Thinking Process। यह सिर्फ़ बड़ी कंपनियों के लिए नहीं है, यह आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और करियर के लिए भी है।

सबसे पहले, आपको अपनी कंपनी का या खुद का Future Profile बनाना होता है। यानि, आज से 5 साल बाद आप कहाँ दिखना चाहते हो? सार्थक ने सोचा: "मैं सिर्फ डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी नहीं रहूँगा। मैं छोटी कंपनियों के लिए लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पार्टनर बनूँगा।" 📈

यह कोई छोटा बदलाव नहीं था। 'डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी' तो हर गली में है, लेकिन 'लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पार्टनर' एक नया गेम था। इसका मतलब था कि अब सार्थक को सिर्फ़ फेसबुक ऐड्स नहीं चलानी थी, बल्कि क्लाइंट के बिज़नेस की पूरी स्ट्रेटेजी समझनी थी, उसके साथ बैठकर 5 साल की प्लानिंग करनी थी।

फिर आया दूसरा फ़ंडा: Strategic Drive (डोमिनेंट फ़ोर्स)। आपकी कंपनी या आपके करियर को कौन सी एक सबसे बड़ी ताक़त चलाती है? यह वह चीज़ है जो आपको सबसे ज़्यादा ख़ुशी देती है या जिसमें आप सबसे बेहतरीन हो। किसी के लिए वह टेक्नोलॉजी हो सकती है, किसी के लिए बेहतरीन कस्टमर सर्विस, और किसी के लिए यूनिक प्रोडक्ट डिज़ाइन।

सार्थक का 'Strategic Drive' निकला: गहराई से डेटा एनालिसिस (Deep Data Analysis)। वह डेटा को इतनी गहराई से समझता था कि क्लाइंट्स को उन समस्याओं के हल बता देता जो उन्हें पता भी नहीं थीं।

तीसरा और सबसे मज़ेदार फ़ंडा: Key Strategic Areas of Excellence (KSAE)। आप कौन सी 3 से 5 चीज़ों में दुनिया के बेस्ट बनना चाहते हैं? यह वह जगह है जहाँ आपको अपने सारे संसाधन (Resources) लगाने हैं।

सार्थक ने अपनी KSAE चुनी:
1. कस्टमाइज्ड ग्रोथ स्ट्रेटेजी: हर क्लाइंट के लिए अलग, रेडीमेड टेम्पलेट नहीं।
2. वर्टिकल स्पेशलाइज़ेशन: सिर्फ़ हेल्थकेयर और एजुकेशन इंडस्ट्री पर फोकस। (कॉम्पिटिशन कम करने के लिए)
3. लॉन्ग-टर्म रिटर्न प्रूफ़: अपने हर काम का रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट क्लाइंट को लिखित में दिखाना।

जब सार्थक ने अपनी Distinctive Strategy बनाई, तो उसका काम एकदम बदल गया। उसने दाम बढ़ाए, लेकिन उसके क्लाइंट्स ने जाना बंद नहीं किया! क्यों? क्योंकि अब वो कॉम्पिटिटर के साथ रेस में नहीं था, बल्कि वो एक अलग ही गेम खेल रहा था। जब कोई क्लाइंट उसके पास आता, तो वह सिर्फ़ "सस्ते ऐड" की बात नहीं करता, वह कहता, "हम अगले 3 साल में आपके बिज़नेस को यहाँ ले जाएंगे।" इस तरह की रणनीतिक सोच (Strategic Thinking) की कोई कॉम्पिटिशन ही नहीं थी। 👑

यह किताब सिखाती है कि ऑपरेशनल काम करना बंद मत करो, लेकिन Strategically Sochna शुरू करो। रोज़ के काम को बहादुरी से करने की जगह, यह सोचो कि आज क्या बदल दूँ ताकि कल का काम ही आसान हो जाए।

ज़िंदगी में भी यही होता है। हम रोज़ भागते हैं: अच्छी नौकरी, ज़्यादा सैलरी, बड़ी गाड़ी... ये सब ऑपरेशनल इम्प्रूवमेंट्स हैं। असली Strategic Move क्या होगा? यह तय करना कि मैं किस तरह की लाइफ चाहता हूँ, और फिर उसके लिए एक अलग ही प्लान बनाना, जो दूसरों के प्लान से मैच न करता हो।

क्या आप वही पुरानी दौड़ दौड़ते रहेंगे? क्या आप बस अपने कॉम्पिटिटर से बेहतर बनने की कोशिश करते रहेंगे? या क्या आप हिम्मत करके खेल के नियम बदलेंगे? 🤔

माइकल रॉबर्ट की यह किताब हर उस इंसान के लिए एक जादू की छड़ी है जो अपनी ज़िंदगी या अपने बिज़नेस को नए सिरे से परिभाषित (Redefine) करना चाहता है। याद रखना: भीड़ में मत चलो, अपना रास्ता खुद चुनो। अपनी Distinctive Strategy बनाओ, और देखो कैसे कॉम्पिटिशन ख़ुद ही ख़त्म हो जाएगा।

आज ही Strategy Pure and Simple II की समरी पढ़ना शुरू करो और अपनी रणनीति को प्योर और सिम्पल बनाओ।

आपकी Distinctive Strategy क्या है? क्या आप अपनी ग़लत दौड़ को पहचान चुके हैं? नीचे कमेंट में बताएं कि आप कौन से 3 KSAE (Key Strategic Areas of Excellence) पर काम करेंगे! इस आर्टिकल को अपने उन दोस्तों के साथ शेयर करें जो बस भागे जा रहे हैं पर पता नहीं कहाँ! 👇🚀💡


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