Michael Eisner (Hindi)


😱😱 एक ग़लत फ़ैसला, और आपकी पूरी कंपनी ख़त्म! क्या आप इतना बड़ा रिस्क लेने की हिम्मत रखते हैं? 💔

ज़िंदगी में हम सब कुछ न कुछ बड़ा करना चाहते हैं, पर जैसे ही 'रिस्क' (risk) शब्द सुनाई देता है, पैर पीछे हट जाते हैं। हम सोचते हैं, "क्या होगा अगर मैं फ़ेल हो गया?" या "लोग क्या कहेंगे?" ये डर, ये झिझक ही हमें उस जगह पर रोक देती है जहाँ से असली सफ़लता की कहानी शुरू होती है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं जो बड़े सपने देखते हैं लेकिन फ़ेल होने के डर से छोटा कदम भी नहीं उठा पाते, तो ज़रा सोचिए माइकल आइजनर के बारे में। ये वो शख़्स है जिसने Walt Disney Company को उस समय संभाला जब सबने उम्मीद छोड़ दी थी। ये कहानी सिर्फ़ Disney CEO बनने की नहीं है, ये कहानी है एक आम आदमी के उस डर को चीरकर आगे निकलने की, जो हर बड़े सफ़ल इंसान के रास्ते में आता है। उनकी किताब Work in Progress सिर्फ़ एक बिज़नेस बुक नहीं है, ये एक आइना है जो दिखाता है कि सफ़लता एक मंज़िल नहीं, बल्कि ख़ुद में एक Work in Progress है।

बात तब की है जब माइकल आइजनर Disney के CEO बने थे। कंपनी अपनी चमक खो चुकी थी। न नए आइडियाज़ थे, न ही कोई एक्साइटमेंट। ऐसा लग रहा था जैसे जादू ख़त्म हो चुका है। आइजनर के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती थी, वो थी इस ख़त्म होते हुए जादू को वापस लाना। ज़रा सोचिए, उस कंपनी को संभालना जिसके नाम पर पूरी दुनिया एक इमोशन महसूस करती है, और आप जानते हैं कि अगर आपसे ज़रा सी भी चूक हुई, तो करोड़ों लोगों का भरोसा टूट जाएगा! उस वक़्त लोग उम्मीद कर रहे थे कि आइजनर कोई 'सेफ़' (safe) और 'गारंटीड' (guaranteed) फ़ैसला लेंगे, लेकिन एक बड़े लीडर की पहचान यही होती है कि वो उस रास्ते पर चलता है जहाँ कोई चलने की हिम्मत नहीं करता। आइजनर ने वही किया। उन्होंने रिस्क लिया, बड़ा रिस्क। 🤯

वो कहते हैं न, अगर आप कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो आपको "Think Different" नहीं, बल्कि "Act Different" करना होगा। आइजनर ने सबसे पहले कंपनी के कल्चर को बदलना शुरू किया। उनका मानना था कि अगर क्रिएटिविटी (creativity) को पनपने का मौका नहीं मिलेगा, तो Disney सिर्फ़ एक पुरानी याद बनकर रह जाएगा। उन्होंने अपने आस-पास ऐसे लोगों को इकट्ठा किया जो हाँ में हाँ मिलाने वाले नहीं, बल्कि 'ना' कहने की हिम्मत रखने वाले थे। उन्होंने अपने पार्टनर फ्रेंक वेल्स (Frank Wells) के साथ मिलकर एक ऐसी जुगलबंदी बनाई, जिसने Disney को फिर से आसमान पर पहुंचा दिया। ये बिज़नेस पार्टनरशिप (business partnership) सिर्फ़ दो executives की नहीं थी, बल्कि दो ऐसे दोस्तों की थी जो एक-दूसरे की कमियों को अपनी ताक़त बनाते थे। आइजनर अपनी क्रिएटिविटी लाते थे और वेल्स अपनी बिज़नेस-माइंडेड प्लानिंग। ये जोड़ी सिखाती है कि सफ़लता के लिए हमेशा आपको सबसे smart नहीं बनना होता, बल्कि ऐसे लोगों को ढूंढना होता है जो आपकी सोच को challenge कर सकें। 🤝

आइजनर अपनी किताब में एक बहुत ही ज़रूरी बात बताते हैं: सफ़लता आपको अंधा बना देती है। जब आप लगातार जीतते जाते हैं, तो आप भूल जाते हैं कि आप क्यों और कैसे जीते थे। आपके अंदर एक झूठा आत्मविश्वास (false confidence) आ जाता है और आप छोटे-छोटे फेलियर्स को नज़रअंदाज़ करने लगते हैं। और यहीं से आपकी असफलता की शुरुआत होती है। उनके जीवन में कई ऐसे पल आए, ख़ासकर जब उन्होंने Cap Cities/ABC जैसी बड़ी acquisition की, या जब Disneyland Paris के साथ शुरुआती struggle किया। उन्हें लगा कि उनका 'जादू' कभी ख़त्म नहीं हो सकता। पर जब आपको सबसे ज़्यादा सफ़लता मिलती है, उसी पल आपको सबसे ज़्यादा सतर्क (alert) रहना चाहिए। एक बार जब उनकी हेल्थ ख़राब हुई, तो उन्हें समझ आया कि जीवन और बिज़नेस, दोनों में ही कुछ भी 'स्थायी' (permanent) नहीं है। हर दिन एक नया रिस्क है, एक नई चुनौती। 💔

अब आप सोच रहे होंगे कि ये बातें आपके या मेरे जैसे आम इंसान के लिए कैसे काम की हैं। आइजनर कोई बिज़नेस टायकून बनने की सलाह नहीं दे रहे हैं। वो सिर्फ़ यह बता रहे हैं कि हर बड़ा काम, चाहे वो एक बिज़नेस शुरू करना हो, एक नया हुनर सीखना हो, या सिर्फ़ अपने डर को जीतना हो, उसके लिए एक ही मंत्र है: हमेशा काम करते रहो (Keep Working) और कभी मत सोचो कि तुम 'Perfect' हो गए हो। इसीलिए किताब का नाम Work in Progress है—यानी 'काम अभी जारी है'। ये आपको याद दिलाता है कि जिस दिन आपने सीखना बंद कर दिया, उस दिन आपका पतन शुरू हो गया। 🧠

आइजनर ने Disney को नए animation films, थीम पार्क्स और मीडिया आउटलेट्स के ज़रिए एक ग्लोबल पावरहाउस बना दिया। उन्होंने ख़ुद से, अपनी टीम से और अपने काम से कभी समझौता नहीं किया। उनका एक बड़ा सिद्धांत था: "Suggesting the impossible extends the possible"—यानी असंभव को सोचने का सुझाव देना ही संभव की सीमा को बढ़ाता है। जब हर कोई कह रहा था कि यह नहीं हो सकता, तो आइजनर ने पूछा: "क्यों नहीं हो सकता?" और इसी 'क्यों नहीं?' ने Disney को फिर से Disney बना दिया। यह सिद्धांत सिर्फ़ CEO की कुर्सी पर काम नहीं करता, यह आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में भी काम करता है। जब आपका बॉस या आपका मन आपसे कहता है कि ये काम बहुत मुश्किल है, तो आप ख़ुद से पूछिए: "क्यों नहीं?" 💪

उनके जीवन की सबसे बड़ी सीख यह है कि आपकी सबसे बड़ी ताक़त आपकी 'कमज़ोरी' बन सकती है। Michael Eisner अपने बेहतरीन क्रिएटिव instincts के लिए जाने जाते थे, लेकिन कई बार इन्हीं instincts ने उन्हें ओवर-कॉन्फिडेंट बना दिया, जिससे उन्होंने अपने आस-पास के लोगों की बात सुनना कम कर दिया। ये लीडरशिप की सबसे बड़ी ग़लती होती है। एक लीडर वो नहीं जो सब कुछ ख़ुद करे, बल्कि वो जो अपनी टीम को ख़ुद से बेहतर करने का मौका दे। जब उनके पार्टनर, फ्रेंक वेल्स, की एक दुखद दुर्घटना में मृत्यु हुई, तो आइजनर पूरी तरह से टूट गए थे। उस वक़्त उन्हें समझ आया कि इंसान का साथ और रिश्ते, किसी भी बिज़नेस डील से ज़्यादा ज़रूरी होते हैं। ये दुःख, ये खालीपन उन्हें सिखा गया कि सिर्फ़ बिज़नेस और मुनाफ़ा (profit) ही सब कुछ नहीं है; आपके व्यक्तिगत रिश्ते (personal relationships) ही आपकी असली विरासत हैं। 🥺

तो अगली बार जब आप कोई बड़ा फ़ैसला लेने वाले हों, कोई नया करियर शुरू करने वाले हों, या कोई बड़ा रिस्क लेने वाले हों, तो इस कहानी को याद रखना। माइकल आइजनर की सफ़लता का राज़ यह नहीं था कि वो कभी ग़लत नहीं थे; उनका राज़ यह था कि वो हर ग़लती से सीखकर, फिर से उठकर खड़े होते थे। वो कभी भी ख़ुद को 'फ़ाइनल प्रॉडक्ट' (final product) नहीं मानते थे, हमेशा Work in Progress बने रहे। उन्होंने हमें सिखाया कि असफलता का मतलब 'काम ख़त्म' नहीं, बल्कि 'सीखने का नया अध्याय शुरू' है। क्या आप भी अपनी सफ़लता को एक 'प्रोग्रेस' (progress) की तरह देखते हैं, न कि एक 'फ़ाइनल डेस्टिनेशन' (final destination) की तरह?

आइजनर की कहानी हमें एक शक्तिशाली संदेश देती है: रिस्क लो, ग़लतियाँ करो, लेकिन कभी रुकना मत। क्योंकि असली सफ़लता की कहानी उसी दिन ख़त्म हो जाती है, जिस दिन आप ख़ुद को 'संपूर्ण' (complete) मान लेते हैं। अपने डर को अपने सपनों से बड़ा मत होने दो। 🙌


आपकी ज़िंदगी का वो कौन सा रिस्क है जिसने आपको हमेशा आगे बढ़ने से रोका है? क्या आप आज, अभी, उस डर को जीतने का फ़ैसला लेंगे? नीचे कमेंट सेक्शन में बताइए कि आपकी लाइफ का अगला 'Work in Progress' क्या होगा। इस आर्टिकल को अपने उन दोस्तों के साथ शेयर करो जो डर की वजह से अपने सपने पूरे नहीं कर पा रहे हैं। 🚀


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